यह विशेष प्रकार से सूंडियों, इल्लियों को रोकने के लिए उपयोग में लाया जाता है। जय के किलर के घटक उत्पाद एक साथ मिलाकर छिडके जा सकते है। सूंडियों/इल्लियों का प्रकोप नजर आने पर इसका उपयोग करे। छिड़काव हेतु निम्नलिखित मात्रा का उपयोग करें प्रति लीटर पानी में – जय के किलर 2-3 मि. ली. छिड़काव के लिए कम से कम 200 लीटकर पानी प्रति एकड का इस्तेमाल करे और फसल का ज्यादा उत्पादन सुनिश्चत करे। छिड़काव सुबह 10 बजे के पहले या शाम 5 बजे के बाद करे। जय के किलर का इस्तेमाल किसी भी रसायनिक दवा के साथ नहीं करना है।
फसलों तथा सब्जियों पर रस चूसने वाले कीड़े जैसे – माहु, तेला, चूरदा तथा मकड़िया हमेशा से प्रमुख समस्या रहीं है। प्रकृति में उपलब्ध सरंक्षण एवं जीवनदायिनी जडी़- बूटियां एवं पौधों से निस्सारित कांफिडेन्स, पर्यावरण को बिना कोई क्षतिओऔ, फसलों एवं सब्जियों को रसचूसक कीटों एवं मकड़ियों से सुरक्षा प्रदान करना है। भूरा फूदका यानि बी. पी. एच. के नियंत्रण के लिए भी निर्मोही सबसे प्रभावशाली उत्पादन है।
लाभ :-